दरवाजा खुला रखना,
दरवाजा खुला रखना,
कि जब भी हम आयें तुम्हें देख पायें,
तुम्हें देख थोड़ा सा मुस्कुराये,
यूं ही हमें तकना,
दरवाजा खुला रखना।
वो मासूमियत से तेरा मुस्कुराना,
मुझे देखते ही नजरें चुराना,
वो तेरी हंसी मेरे दिल को लुभाती,
मुझसे दूर हो तू क्यों मुझको जलाती,
जो तुमसे किया वादा था मेरी जान,
किसी के भी आगे ना लेंगे तेरा नाम,
हमपे भरोसा करना,
दरवाजा खुला रखना।
---पवन शुक्ला
No comments:
Post a Comment