दिल मे बैठी है याद बनके वो निकलती ही नहीं,
कितनी मासूम है भोली वो बात करती ही नहीं।
एक दिन था जब मैने उसे इजहार किया,
भूल बैठा सारी दुनिया इतना उसे प्यार किया,
मेरी बातों मे उसकी बात है वो समझती ही नही,
दिल मे बैठी है ------------------------------------------ ---------------------------------------------- करती ही नहीं।
उसकी यादों में गुजरे सारी-सारी रातें यू ही,
अपने दिल से ही करते रहे हम बातें यू ही,
कितनी लम्बी है ये रात गुजरती ही नही,
दिल मे बैठी है ------------------------------------------ ----------------------------------------------- करती ही नहीं।
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