ना वो भक्त मिलेंगे मन्दिर मे, ना मस्जिद मे, ना ही गुरुद्वारो में,
जो देशभक्त मिलेंगे कारगिल के चट्टानों पे, जैसलमेर के रेगिस्तानो मे, सियाचिन के बर्फीले पहाड़ों मे।
जो देशभक्त मिलेंगे कारगिल के चट्टानों पे, जैसलमेर के रेगिस्तानो मे, सियाचिन के बर्फीले पहाड़ों मे।
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