जनता के लाल पालने में पलते है , पर उनके सीधा कुर्सी पे सजते हैं ।
रिम-झिम रिम-झिम बरसरा कौनगरसियो का हत्याचार है ,
इसकी वजह से बदनाम मोदी सरकार है ।
इलेक्शन के टाइम पे वादे तो बतलाएँ, पर मन में क्या है वो है छिपाये।
सत्ता में आकर वादे तो झुतलाए , पर जो मन था वो है कर दिखाए ।
कैश के साथ ऐश तो कर रहे धर्म गुरु भी, पर अशर्फ़ियों के दम पे है सब छिपा ।
कैसी है इन गुरुओं ने घुमाई जादू की छड़ी ,
जानकार भी अनजान ये संसार है ।
अशर्फ़ियाँ तो खनकती है सभी सरकारी बाज़ार में , पर सिर्फ़ आर्मी बरसती है जंग - ए- मैदान में ।
अगर खुल गया ये भेद , तो उनकी इज़्ज़त में हो जाएगा एक छेद ।
धूप की तेज़ में तप रहा आम इंसान है ,
नेताओ के आशियाने में दबा हमारा ईमान है ।
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