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Saturday, 31 October 2015

एक मुलाकात का इन्तजार रहता है मुझे

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कल था देखा मैने तुम्हें सपने में,
अाज भी देखने की दो इजाजत मुझे,
वादा करो कि अाज भी आओगे,
अाओगे, दिखोगे रब से कर बगावत मुझे ।

कितना कोमल था वो तुम्हारा छुअन,
सोच कर सपने को करू मैं नमन,
मरने वाला हू यादों की लम्बी जन्ग में,
दो एैसी मुस्कुराहट जो रखे सलामत मुझे।

कल था देखा मैने तुम्हें सपने में,
अाज भी देखने की दो इजाजत मुझे,.....................
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😘 😘 😘 😘 😘 😘 😘 😘 😘 😘 😘 😘

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