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Friday, 13 November 2015

पेशावर

जो तारे थे माँ की आंखो के,
अब टूट कब्र मे लेट गये,
कुछ जी गये शहादत अपनी,
कुछ मोैत के मुह से लोैट गये,
जो जी गये सदमे में हैं,
जो शहीद हुये सपनो में हैं ।...........

#Peshawar_Attacks_Dec_2014

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