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Saturday, 14 November 2015

हंस कर विदा दो माँ

हंस कर विदा दो माँ,
मै फिर आउंगा,
ना रोना शहादत पे मेरी,
मै फिर आउंगा।
होगी रात होगा सवेरा जब बिन मेरे,
तारों से देख तुम्हे रोज मुस्कुराउंगा।
मै फिर आउंगा......

मरने से ना डरा कभी तेरा लाल,
पर तुझे रोता देख मेरी रूह डरती है,
मर कर भी मैं रहूँगा यहीं, क्योंकि
ये मेरा प्यारा वतन मेरी प्यारी धरती है,
पर माफ करना माँ,
तुझसे पहले इस मिट्टी का कर्ज चुकाउंगा,
मैं फिर आउंगा........
    
       ~पवन शुक्ला

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