उन आँखों को, उन बातों को,
नहीं कभी मैं भूला पाऊँ,
इस पीड़ा को, इस दुविधा को,
कैसे किसको मैं समझाऊँ।
हर रोज प्यार के शोलो पे,
हर प्रेमी को चलना होगा,
हम दिये प्रेम से जलते हैं,
हमको यू ही जलना होगा।
इक रोज मिली थी सपनों मे,
रूख मोड़ के लोैटी धाराएं,
फिर देख उसे अपनी बाहों मे,
नयनों मे जागी आशाएं,
हम रोज मिलेंगे सपनों में,
इसलिए हमें सोना होगा,
हम दिये प्रेम से जलते हैं,
हमको यू ही जलना होगा।
उन आँखों..........................
......................... जलना होगा॥
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